ANCIENT JAT HISTORY
चित्तौडगढ़ किले के निर्माता जाट राजा चित्रांग(चित्रांगद) मोर —–मोर ,मोरी ,मयूर ,मौर्य जाट राजवंश –M.S. T
ANCIENT JAT/GETAE HISTORY
1 year ago
#आईये आज हम जानते है मौर जाट राजवंश और चितौड़गढ़ के बारे में!
@Manvendra Singh Tomar जी को धन्यवाद🙏
राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ नगर और किले के निर्माता जाट राजा चित्रांग मौर थे जिनको चित्रांगद मोरी भी बोलते थे चित्तौडग़ढ़ की स्थापना चित्रकूट नाम से की गयी कर्नल जेम्स टॉड हो दसरथ शर्मा हो कोई भी इतिहासकार हो सभी इतिहास कार इस बात पर एक मत है की जाट राजा चित्रांग ही चित्तौडग़ढ़ नगर और किले के निर्माता थे उसी राजा ने चित्रंग तालाब का भी निर्माण कराया। ऐसा वर्णन “कुमारपाल प्रबन्ध” पत्र 30-2 में आता है। यह मोर वंश राजपूत जाति में नहीं मिलता है जाटों में इस मोर वंश की आबादी राजस्थान ,पंजाब ,मध्यप्रदेश ,उत्तरप्रदेश महाराष्ट्र में है इसके अतरिक्त मौर जाट पाकिस्तान और जर्मनी में भी बड़ी संख्या में है चित्रांग मौर के छोटे पुत्र के वंशज चितरवाड़ा मौर कहलाते है जिनका निवास मालवा क्षेत्र में है यह लोग नीमच में 14 ग्रामो में निवास करते इनके साथ वहां इनके भाई मोर भी निवास करते है दोनों शाखाओ के नीमच में कुल 30 ग्राम है
सातवीं या आठवीं शताब्दी में परमार अग्नि यज्ञ शुद्धि से राजपूत जाति में शामिल हुए इस पहले परमार /पंवार वंश का अस्तित्व जाटों में मौजूद था परमार वंश से इनको जोड़ना पूर्ण रूप से गलत है क्योकि मौर वंश तो परमारो से पहले ही अस्तित्व में था ऐसे में पिता से पुत्र होता है नाकि पुत्र से पिता इतिहासकारो ने सम्पूर्ण मौर्य वंश को तक्षक नागवंशी जाटों की शाखा लिखा है प्रारम्भ में यह लोग जिस तराई क्षेत्र में बसे वहां मौर पक्षी का निवास अधिक संख्या में होने तथा मौर को अपना प्रिय पक्षी माने के कारन यह मौर कहलाये डॉ hr गुप्ता के अनुसार मौर लोग कोह मौर के निवासी थे जो पेशावर से भी आगे है
ये पोस्ट कितनी सच्ची कितनी झुठी मै नही जानती मगर मै ये जानती हु कि हमारा असली इतिहास बामणो मे छुपाया और हमे गुमराह किया है।
इसलिए ही बामसेफ बार बार कहता है कि जो अपना इतिहास नही जानते वो इतिहास लिख नही सकते।
वो दीनदयाल और गोवलकर के गुणगान करेगे के क्योकि सीधी सी बात ज अपने बाप को नही जानेगे वो दुसरे बाप के ही गुण गाते रहेगे।
भारत के मूलनिवासी लोगो अपना इतिहास खोजो।