एक कविता हर माँ के नाम
घुटनों से रेंगते-रेंगते,
कब पैरों पर खड़ी हुआ,
तेरी ममता की छाऊँ में,
जाने कब बड़ा हुआ
काला टीका दूध मलाई,
आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह,
प्यार ये तेरा कैसा है?
सीधा साधा भोला भाला,
मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊँ बड़ा,
"माँ" मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।।।
Happy mother's day......🙏🏻
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