अंतर्राष्ट्रीय जाट दिवस...
अनादि काल से इंसान कबीलाई जीवन जीता आया है और कालखंड की गति में ये कबीले परिपक्व होते गए जिसमे अंतर्राष्ट्रीय स्तर देखा जाए तो एक ऐसा कबीला उभरा जिसने न केवल समय के साथ अपनी सफलताओं के झंडे गाड़े बल्कि कमजोर वर्ग का सारथी और बेईमानों का दुश्मन बनकर खड़ा रहा!दुनियाँ में अगर सही मायनों में देखा जाये तो जाट ऐसा कबीला है,ऐसी नस्ल है जो सही मायने में धार्मिक है।जाटों ने मानवीय धर्म को सदा श्रेष्ठ रखा है और आज भी अंध धार्मिक रेवड़ों की भेड़ों के बीच इंसानियत का झंडा लेकर कोई खड़ा है तो वो जाट है।
इतिहास भरा पड़ा है इनकी शूरवीरता के किस्से-कहानियों से!इतिहास भरा पड़ा है मानवता के लिए दी गई कुर्बानियों से!द्वितीय विश्वयुद्ध में जब हिटलर की सेना ध्वस्त हो रही थी तब कहा था जाट लड़ाके मेरी सेना में होते तो मैं दुनियाँ फतेह कर लेता मगर वह भूल गया था कि JAT का मतलब ही Justice,Action and Truth होता है।
कितनी ही राज्य व्यवस्थाएं खड़ी हो जाएं,कितने ही लोकतंत्र के टेंट हाउस में,कम्युनिज्म के पोली बैग में नागरिक रूपी बंधन खड़े कर दिए जाएं,कितनी ही तोड़ने के लिए सीमाएं खड़ी कर दी जाएं मगर जब रगों में दौड़ता खून बोलता है,गौरवशाली सांस्कृतिक परंपराओं की गूंज सुनाई देती है तो पूरे विश्व मे एकसाथ बंद मुठ्ठियाँ ऊपर उठती है और जुबाँ से आवाज निकलती है "गर्व है कि मैं जाट हूँ।"
यह गौरव हमने मजलूमों का रक्षक बनकर हासिल किया है,यह गौरव हमने जाति-धर्म से परे इंसानियत को जिंदा रखकर हासिल किया है,यह गौरव हमने कमजोरों का सहायक बनकर हासिल किया है,यह गौरव हमने प्रकृति के साथ जीकर हासिल किया है।हमने हर क्षेत्र में बिना किसी से प्रतिस्पर्धा किये नए आयाम तय किये है।
चाहे धार्मिक अत्याचार से बगावत की बात हो या हुकूमत के अत्याचार के खिलाफ विद्रोह हो जाट हमेशा आगे रहे है!मैदान चाहे युध्द के हो चाहे खेल के हो,चाहे खेत हो चाहे देश की सीमाएं हो,सदा परचम के,शौर्य के झंडे जाटों ने दुनियाभर में गाड़े है।कुछ साथियों ने इबादत के रास्ते जरूर बदले है मगर अंदर से आज भी जाट धर्म पर ही अडिग है।
आज दुनियाभर में जाट दिवस मनाया जा रहा है तो हमे उन पुरखों को नमन करना चाहिए जिन्होंने यह गौरवशाली पल हमे उपलब्ध करवाया है।अपनो ने कई कुर्बानियां दी है तब जाकर हम इस काबिल बने है कि आज खुद को गौरान्वित महसूस कर रहे है।हमे हमारी महान सांस्कृतिक विरासत को जिंदा ही नहीं रखना है बल्कि संवारकर हमारी भावी पीढ़ी को सौंपना है।हमे हमारे इतिहास का ढंग से संकलन करना है ताकि भावी पीढियां खुद पर गर्व कर सके।हमे हमारे वर्तमान के लिए जीवन खपाना है ताकि भविष्य उस पर खड़ा होकर ऊंची छलांग लगा सके।
जो कौमे खुद की जड़ों से कट जाती है वो कौमे खुद अपने अस्तित्व पर कुल्हाड़ी मारती है।हमे हमारी जड़ों पर खड़े होकर आगे बढ़ना है।हमे मानव धर्मी/जाट धर्मी होकर आगे बढ़ना है।कल कोई भाई मुझे पूछ रहा था कि आपका धर्म क्या है?मैं नास्तिक हूँ मगर मेरी नास्तिकता में ही आस्तिकता छुपी है।दुनियाँ में 4200के करीब धर्म है मगर इनमें से मेरा कोई धर्म नहीं है क्योंकि मैं धर्मों के बाप अर्थात जाट धर्म से हूँ।जाट धर्म दुनियाँ का ऐसा धर्म है जो सदा यह चाहता है कि इंसान किसी भी धर्म का हो मगर सबसे पहले वो हमारे लिए इंसान है।सही मायनों में देखा जाए तो दुनियाँ में जाटों जैसे धर्म निरपेक्ष लोग आपको कहीं नहीं मिलेंगे।इसलिए मैं गर्व करता हूँ कि मैं जाट हूँ।
मुझे लोग कहते है कि तुम जातिवादी हो!मैं हमेशा कहता हूँ कि कबीलों के हिसाब से नामकरण किसी और ने कर दिया है मगर बिना किसी दूसरी जाति के साथ भेदभाव किये,बिना किसी दूसरी जाति को दबाकर अगर मैं मेरी जाति के उत्थान की बात करता हूँ तो मैं समझता हूँ कि यह मेरा जातिगत प्रेम है न कि जातिवाद।मेरी जाति पर गर्व करने के लिए मेरे पुरखों ने लाखों कारण दिए है,मेरी जाति पर प्रेम करने के मेरे भाइयों ने लाखों आयाम स्थापित किये है।
आज भी कोई दीनहीन असहाय खड़ा नजर आता है तो उसके साथ जाट खड़ा नजर आता है।चाहे उसने पगड़ी पहनी हो,चाहे टोपी पहनी हो चाहे गले मे क्रोस या माला डाल रखी हो मगर उसकी जाति जाट ही होगी!कोई बीमार लाचार खड़ा होगा तो उसका हमसफ़र जाट होगा।किसी गरीब-मजलूम पर कोई अत्याचार करता है तो जाट उसका रक्षक बनकर खड़ा नजर आता है।
जब हुकूमतों ने सीमा लांघी
वो लड़े थे किसान बनकर!
जब धर्मों ने माहौल बिगाड़ा
वो लड़े है इंसान बनकर!
चाहे वो महलों में खेले
चाहे बैठे रहे टाट-फर्श पर!
कभी न झुके कभी न रुके
बढ़ते रहे वो जाट धर्म पर!!
आज अन्तर्राष्ट्रीय जाट दिवस की सभी भाइयों को बधाई देता हूँ💐💐💐
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